आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है और इसके क्या-क्या उपयोग है ? – विज्ञान की खोज मे हम जैसे जैसे आगे बढे है हमारा जीवन धीरे-धीरे विज्ञान पर ही निर्भर हो गया है । खासकर कंप्युटर विज्ञान ने हमारे जीवन मे पुरी तरह से अपना स्थान बना लिया है । आज के वक्त मे हम बिना कंप्युटर के जीवन जीने की कल्पना भी नही कर सकते है ।
तकनिक की राह पर हम यहाँ भी नही रुके । अब हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की और बढ रहे है । आपने कभी न कभी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे मे जरुर सुना और सोचा होगा।
आज हम ऐसे मशीनो के निर्माण करने मे लगे है जिनमे हम इंसानो के जैसे सोचने-समझने की ताकत हो । जिसके पास इंसानो के जैसे ही दिमाग हो, ताकि हम अपने काम को और आसान और उन्नत बना सके ।
आज हम इसी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे मे चर्चा करेंगे और जानेंगे कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है और इसके क्या-क्या उपयोग है ? , आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कितने प्रकार की होती है ? , आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्या-क्या फायदे और नुकसान है ?

अगर आप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे मे जानना चाहते है तो इसे पुरा पढे । आज हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुडे सभी महत्वपुर्ण बिंदुओ को विस्तार से जानने की पुरी कोशिश करेंगे ।
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का मतलब क्या होता है?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को हिंदी भाषा मे कृत्रिम बुद्धिमता कहा जाता है । यह कंप्युटर विज्ञान से जुडा है । इसमे हम कोशिश करते है कि आधुनिक मशीनो को कुछ ऐसे बनाया जाये या उनके सोफ्टवेयर को कुछ ऐसे बनाया जाये जिससे वो इंसानो की तरह सोच-समझ सके और परिस्थितियो के अनुकुल सुझ-बुझकर फैसले ले सके ।
अगर आसान शब्दो मे कहा जाये तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का मतलब मशीनो मे मानव जैसा दिमाग स्थित करना है जिससे वो इंसानो की तरह सोच-समझ कर काम करे और हमारा काम आसान हो सके ।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जनक कौन है ?
जॉन मैकार्थी को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जनक कहा जाता है । वो अमेरिका के रहने वाले थे । उनका जन्म 4 सितम्बर 1927 को हुआ था और मृत्यु 24 अक्टूबर 2011 को हुई थी ।। पेशे से वो कंप्युटर विज्ञान के एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे । आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे मे सर्वप्रथम उन्होने ही चर्चा की थी ।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उद्देश्य क्या है?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का मुख्य उद्देश्य कंप्युटर और आधुनिक मशीनो का विकास कुछ इस तरह करना है जिससे वो इंसानो की तरह सोच-समझ कर कोई निर्णय ले सके ।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को आधुनिक कंप्युटर विज्ञान का सबसे बडी सफलता माना जाता है जिसकी वजह से किसी कंप्युटर को मानव की तरह सोचने-समझने की शक्ति दे पाने मे सफलता मिली है ।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कैसे काम करता है?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के काम करने का मुख्य तरीका यह है कि किसी मशीन या कंप्युटर के सोफ्टवेयर को उस आधार पर बनाना, जिस आधार पर मानव दिमाग काम करता है ।
यह वह प्रकिया है जिसमे किसी कंप्युटर को यह सिखाया जाता है कि किसी परिस्थिति को भली-भांती समझ कर उससे पैदा होने वाले प्रभाव को ध्यान मे रखते हुये क्या उचित निर्णय लिया जाये, जिससे हमे बिना किसी समय और संसाधन के नुकसान के अधिक मात्रा लाभ हो,भले ही उस वक्त हम उस वक्त उपस्थित न हो ।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कितने प्रकार की होती है ?
वर्तमान जानकारी के आधार पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को मुख्य रुप से तीन भागो मे बांटा गया है –
आर्टिफिशियल नैरो इंटेलिजेंस-
यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सबसे प्रारंभिक अवस्था है जिसमे कोई कंप्युटर उन्ही कार्यो को कर सकता है जिनके लिये उसे आदेश दिया गया हो। उसके पास किसी प्रकार की सोचने-समझने की क्षमता नही होती है । यह सिर्फ दिये गये आदेशो का पालन करता है ।
इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सबसे कमज़ोर या सबसे प्रारंभिक अवस्था माना जाता है क्योकि इस अवस्था मे किसी कंप्युटर के पास लिये जाने वाले निर्णय से होने वाले लाभ या नुकसान का आंकलन करने की क्षमता नही होती है ।
आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस-
हमारे सुपर-कंप्युटर आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस के ही उदाहरण है । इनमे यह काबिलियत होती है ये परिस्थितियो के अनुसार निर्णय लेता है । इनमे बहुत हद तक सोचने-समझने की क्षमता होती है तथा ये लिये जाने वाले निर्णय से होने वाले लाभ या नुकसान का आंकलन करने मे सक्षम होता है ।
आर्टिफिशियल सुपर इंटेलिजेंस-
यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सबसे मजबूत और अंतिम अवस्था है, जब कोई कंप्युटर के सोचने-समझने और निर्णय लेने की क्षमता मानव-क्षमता से बहुत आगे निकल जायेगी । इस अवस्था को सुपर-रोबोटिक्स-ऐज़ (Super-robotics-age) भी कहना उचित होगा ।
यह वह अवस्था होगी जब इंसान पुरी तरह से कंप्युटर द्वारा लिये गये निर्णयो पर आधारित रहेगा । मानव-दिमाग किसी कंप्युटर-दिमाग के आगे बौने के समान हो जायेगा ।
फिलहाल यह अवस्था अभी आयी नही है परंतु कई सारे वैज्ञानिको का मानना है कि बहुत जल्द ही हमे ये अवस्था देखने को मिल सकती है ।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में कौन सी कंप्यूटर भाषा का प्रयोग होता है?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को तैयार करने मे Prolog, जो कि एक कंप्यूटर भाषा है, का उपयोग किया गया है । इसके साथ कई अन्य सारे सोफ्टवेयर का भी इस्तेमाल भी किया गया है ।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के फायदे और नुकसान
जिस तरह हर सिक्के के दो पहलू होते है- एक अच्छा और एक बुरा, ठीक उसी प्रकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कुछ फायदे भी है तो कुछ नुकसान भी है । सबसे पहले हम इससे होने वाले फायदो के बारे मे जानते है-
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से आधुनिक चिकित्सा व्यवस्था को काफी बेहतर बनाया जा सकता है । इसकी मदद से बहुत से ऐसे चिकित्सा संबंधी उपकरण बनाये जा सकते है जिनकी मदद से जटील शल्य-क्रियाओ को आसानी से किया जा सकेगा ।
- इसकी मदद से वैज्ञानिको को नये-नये शोध करने मे मदद मिलेगी, जिससे तकनिक व्यवस्था को और विकसित किया जा सकेगा ।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग बडे-बडे उद्योगो मे करके उनकी निर्माण-क्षमता को और अधिक बढाया जा सकता है जिससे उस वस्तू की किल्लत को कम किया जा सकता है ।
- कृषि-विभाग मे इसका उपयोग कर उपज़ को अधिक मात्रा मे बढाया जा सकता है, साथ ही उपज़ की गुणवत्ता को भी बर्बाद होने से बचाया जा सकता है ।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग कर हम उपर दिये गये फायदे ले सकते है । परंतु इसके कुछ नुकसान भी है जैसे-
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग कर हम मानव द्वारा किये जाने वाले कामो को मशीनो द्वारा बडी आसानी से कर सकते है और वो भी बहुत कम मात्रा मे, परंतु इससे बेरोज़गारी के बढने की आशंका है ।
- अगर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सोचने समझने की क्षमता को मानवो की क्षमता से अधिक विकसित किया गया तो हो सकता है कि आने वाले समय मे इंसानो को अपने द्वारा ही बनाये गये मशीनो के अनुसार जीवन जीना पड सकता है, जिससे मानव जाति खतरे मे भी पड सकती है ।
क्या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस खतरनाक है?
यह कह पाना थोडा मुश्किल हो सकता है क्योंकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनिक हम इंसानो द्वारा ही बनायी गयी है । अगर हम मशीनो के सोचने-समझने की क्षमता को इस स्तर तक बढाये, ताकि किसी प्रकार के अपातकाल की स्थिति मे उसे नियंत्रण किया जा सके, तो फिर इससे किसी प्रकार का कोई खतरा नही हो सकता है ।
अगर सही सिद्धांतो के आधार पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की संरचना की जाये तो इसके बहुत फायदे है ।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग
आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग बहुत से कार्यो मे किया जा रहा है जैसे बच्चो के विडियो गेम्स मे, मोबाइल-फोन के Speech-recognition वाले सोफ्टवेयर के रुप मे तथा आधुनिक रोबोटिक्स के संसोधन और निर्माण मे ।
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तो आज हमने जाना कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है और इसके क्या-क्या उपयोग है ? और इससे जुडी सभी जानकारी । उम्मिद करता हूँ कि आपको ये जानकारी पसंद आयी होगी । ऐसे ही रोचक जानकारी हिंदी भाषा मे पाने के लिये आप हमारी वेबसाइट जरुर देखे ।